अफसोस अफसोस होता है मुझे की उनको अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाया कि उन्हें अपने दिल का हर किस्सा सुनाया। की उन्हें ख्वाबों से दूर हकीकत में सजाया कि जमाने से दूर छिपाकर अपने दिल में बसाना। कि खुद को इस कदर मजबूर कर लिया मैंने की आंखें बंद हो या खली चेहरा सिर्फ उसी का नजर आया। कि आज उलझन में हूं कुछ इस कदर कि तेरे साथ होने का जिक्र करूं किसी से या तेरे जाने का अफसोस। कि अक्सर तेरी बातों को याद कर मुस्कुरा दिन तो काट लिया करती हूं कि रात की गहराई फिर सिकुड़ जाते हैं ये लब हर रोज। कि वो कहता था मैं नहीं औरों जैसा कद्र करता हूं तेरी कि मैं भी सुन शर्मा दिया करती थी मांगी मुराद हो तुम मेरी। कि जब भी तन्हा सी हो उसके कंधे पर सर रखती थी कि वो सर सहला दिया करता माथे को चुम दिल बहला दिया करता था कि वह मेरी फिक्र कुछ इस कदर दिखा दिया करता था कोई और छु ना ले मुझे उसे दूर से ही हटा दिया करता था कि मोहब्बत कम नहीं थी उसकी कि गुस्से से देख आंखों से समझा दिया करता था कि समझ नहीं आता अब मुझे तेरे संग बीते लम्हों की नुमाइश करूं कि तेरे जाने का अफसोस। Ⓒvineeta
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कुछ वक्त और काश कुछ वक्त और मिलता तो तुम्हें अपने दिल का हाल सुनाते इस भागती सी, दुनिया से दूर चल अकेले में कहीं तुम संग, बैठ जाते। काश कुछ वक्त और मिलता तो इन हसीन बादलों के साथ घुम आते ख्वाहिशों से सजी माला के कुछ और, मोती बिखेर पाते। काश कुछ वक्त और मिलता तो बहुत सी शरारती कर जाते वो जो अधूरी रह गई थी ना, बचपन में कहीं तेरे संग फिर से दोहराते। काश कुछ देर और ये वक्त यूं ही चलता रहता तो, ये कहानी हम पूरी कर पाते। Ⓒ vineeta
जाना
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मानती हूं मेरी मोहब्बत जिद्दी है पर जाना तू भी तो कुछ कम नहीं बात बात पर मुझसे लड़ जाना मुंह बना घर से बिन बोले निकल जाना जानते हो तुम्हारे जाने से कितना डरती हूं एक सेकेंड के लिए भी दरवाजे के आगे से नहीं हटती बस जल्दी से घर आ जाओ ना मुझसे गुस्सा हो तो मेरे संग है उसे मुझ पर उतारो नहीं देती मैं किसी और को मेरे अलावा हक के तुम्हारे गुस्से तक का भी कोई हकदार बने मना लूंगी तुझे थोड़ा वक्त लगता है कोई छीन ना ले तुझे सोच डर लगता है तेरे घर वापस आने तक ना जाने किन किन ख्यालों से मेरा वक्त कटता है जैसे ही दरवाजे की घंटी बजती है धड़कन जैसे तेज हो उठतीहैं बस चेहरा देखा नहीं कि तेरा आंखें लबों को सील सब बोल जाती है माना मेरी मोहब्बत जिद्दी है पर जाना तू है तो मेरी जिंदगी है Ⓒvineeta
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महफिलें रोज सजती है महफिले मयखाने मैं बदल कर, जब चढ़ती है होठों पर हंसी प्यालो में भरकर। आंखों में एक लाली सी भर जाती है, जब लबों से गले में ये घूंट- घूंट उतर जाती है। सारी परेशानियों को पल भर में दूर करती है, महफिलों को रंगीन बना कर अपने में ही मगरूर रखती है। फसलों को कम करने का वहम ये भरती है, हकीकत में ये फसलों को तय करती है। रूप बदल बदल कर बड़ा ही इतराती है, महफिलों को मयखाने में जब-जब बदल जाती है। कहानी आंखों से यह चुपचाप बह जाती है, जब-जब महफिलों में ये रोज सज जाती है। ⒸVineeta
दोस्ती
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हैप्पी फ्रेंडशिप डे सभी को फ्रेंडशिप डे के किस्से अक्सर स्कूल टाइम से सबसे ज्यादा जुड़े होते हैं जिन्हें हम सभी याद कर मुस्कुरा देते हैं। जब मैं छठी क्लास में थी उस वक्त फ्रेंडशिप डे से 1 दिन पहले बस दिल दिमाग एक ही चीज सोचता रहता था कि कल किसके हाथ में सबसे सुंदर और सबसे ज्यादा फ्रेंडशिप बैंड बंधे होंगे । इसी उत्सुकता में कि कल क्या होगा मुझे कौन बांधेगा क्या सबसे ज्यादा बैंड मेरे हाथ में होंगे अगर उस प्रिया के हाथ में ज्यादा बैंड बंध गए तो मुझे बहुत बुरा लगेगा। उससे ज्यादा दोस्त है मेरे। (शायद नहीं) बस यही दिमाग में चलता रहता और रात भर ऐसे ही करवट बदलते काट दिया करती थी जैसे ही सुबह होती, वो जो आलस हर रोज आता था ना, ओर दिनों उठकर स्कूल जाने में, फ्रेंडशिप डे वाले दिन गायब हो जाया करता था। (सच में) क्योंकि वे चमकते बैंड उस वक्त सबसे कीमती होते थे। जिसके पास सबसे ज्यादा होते वही हीरोइन हुआ करती थी।(क्लास की) जैसे ही स्कूल पहुंचते थे आंखों में लालच भर , सब की ओर देखना होता था कौन मुस्कुरा रहा है कौन बैग में बार-बार हाथ डाल अपने खरीदे हुए बैंड को देख रहा है उस दिन टीचर के पढ़ाने का
मेरी कलम
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मेरी कलम से जीवन मेरा झलकता है कोरे कोरे पन्नों पर ये दिल स्याही से सब लिखता है| यूं तो बड़ी आसान सी लगती है जिंदगी मेरी पर ना जाने इसने कितनी कहानियां लिखी मेरी मेरे अतीत,आज और भविष्य की हजारों ख्वाहिशों से भरी मेरे गम में खुशी में मेरी साथी बन संग संग चली ना मेरी कोशिश थकी ना इसकी स्याही रुकी सफर शुरू तो हमने यूंही अनजाने में किया की आज दोस्ती इतनी गहरी हो गई है, हमारी एक दूजे के बिना अब अधूरी सी लगती है ये कहानी अब मिटने नहीं वाली ये स्याही ... Ⓒ vineeta